सतपुड़ा के जंगल में आदिवासी परिवारों द्वारा वर्षों से देसी गेहूँ का बीज संरक्षित करके रखा गया है यह गेहूँ नान हाइब्रीड, नान जी०एम० होता हैं इसमें उच्च घनत्व में डायट्री फायबर, विटामिन A, विटामिन C, सोडियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह गेहूँ में ग्लूटेन बहुत कम मात्र में पाया जाता है।
इस गेहूँ के लाभकारी गुण मधुमेह और पेट के सभी रोगों में प्रभावी सकारात्मक परिणाम देते हैं। यह गेहूँ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में सहयोग करता है।
इसके आटे का रंग पीला होता है और रोटियां बहुत ही स्वादिष्ट और लम्बे समय तक मुलायम बनी रहती है।